आरक्षण पर मोदी सरकार की राह पर ममता


कोलकाता । सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की घोषणा के छह महीने के बाद पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने भी इस राह पर चलते हुए ऐसा ही एलान किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें के लिए सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर दी।
राज्य के संसदीय मामलों तथा शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि दिन में मंत्रिमंडल के इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद इस ऐतिहासिक निर्णय का एलान किया गया। उन्होंने कहा कि सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा लेकिन पहले से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की श्रेणी के तहत आने वाले लोग इसका लाभ नहीं ले पायेंगे।
राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रधान महासचिव ने कहा,“यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। परिभाषित करने के लिए कई कारक हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से कौन आते हैं। जल्द ही जारी किए जाने वाले सरकारी आदेश में इन विवरणों का उल्लेख किया जाएगा।”
गौरतलब है कि ममता सरकार ने यह निर्णय आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी से मिली हार तथा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए उठाया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक तृणमूल भाजपा को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है जिसके तहत आरक्षण का ताजा कदम उठाया गया है। पार्टी के कुछ विधायक और कई पार्षद भाजपा का दामन थाम चुके हैं।

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