सपाट पिचों पर बोलिंग का आदी हूं, तो चिंता नहीं : युजवेंद्र चहल


नई दिल्ली । इंग्लैंड की पिचों पर पिछले कुछ समय में बल्लेबाजों का बोलबाला रहा है। वर्ल्ड कप के दौरान भी जमकर रन बनने की उम्मीद है। इंग्लैंड की सपाट पिचें गेंदबाजों के लिए किसी बुरे सपने की तरह हो सकती हैं, लेकिन हरियाणा के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल इससे ज्यादा परेशान नहीं है। 28 वर्षीय इस युवा खिलाड़ी ने कहा, मैं इस बात को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं कि इंग्लैंड में पिचें सपाट होंगी क्योंकि मैं ऐसी पिचों पर खेलने का आदी हूं। यह मत भूलिए की मैं साल में ज्यादातर मैच चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेलता हूं, जो बल्लेबाजी के लिए सबसे अच्छी पिचों में से एक है। रक्षात्मक नहीं होंगे
वनडे में 41 मैचों में 72 विकेट लेने वाले इस बोलर ने कहा, जब हम सपाट पिचों की बात करते हैं तो अगर जितने दबाव में मैं दबाव में रहूंगा तो विपक्षी टीम का गेंदबाज भी इतने ही दबाव में रहेगा। चहल की सबसे बड़ी ताकत निडर होकर गेंदबाजी करना है। इस साहसिक मानसिकता का फायदा उन्हें आंद्रे रसेल और डेविड वॉर्नर जैसे खतरनाक बल्लेबाजों के खिलाफ होता है। हर बॉल पर विकेट लेने का प्रयास
चहल ने कहा, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के खिलाफ आप रक्षात्मक नीति नहीं अपना सकते। जब आप रसेल और वॉर्नर जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी करते हैं तो आप उन्हें रोकने के बारे में नहीं सोचते हैं। वे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके खिलाफ आपको आक्रामक होना होगा और हर गेंद विकेट लेने के लिए प्रयास करना होगा। मैं उनके खिलाफ हर बार सर्वश्रेष्ठ गेंद फेंकने की कोशिश करता हूं।  

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