5 लोगों ने दिया था घटना को अंजाम
घटना के पहले आरोपियों ने चेतन के घर के बगल में बनी झोपड़ी में जमकर शराब पी। इसी दौरान फूलसिंग ने बताया कि नर्स योगमाया से उसका अफेयर है। फूलसिंग की बातों पर किसी को यकीन नहीं हुआ तो उसने मोबाइल पर सेल्फी दिखाई। इसके बाद सरपंच सुरेश ने फूलसिंग से कहा कि उसका भी संबंध योगमाया से बनवा दे। फिर अखण्डल ने भी यही कहा। तभी धमेंद्र बरिहा ने कहा कि उसके घर में काफी पैसा और जेवरात है, जिसे मैं चोरी करूंगा, फिर गौरीशंकर ने हामी भरी। पांचों आरोपी एक-एक कर रस्सी के सहारे दीवार फांदकर आंगन में कूदे थे। घर में बैटरी वाली कैंडल लाइट जल रही थी। हलचल सुन चेतन बाहर आया तो सामने फूलसिंग था। दोनों के बीच नोकझोंक हुई और चेतन ने फूलसिंग को झापड़ मारा। इतने में फूलसिंग ने फावड़ा उठाकर उसके सिर और शरीर पर कई वार किए। इससे चेतन की मौत हो गई। तब तक सुरेश और अखण्डल बेडरूम में पहुंचकर योगमाया से जबरदस्ती करने लगे। वो किसी तरह आंगन में पहुंची तो धमेंद्र बरिहा ने उसका गर्दन पकड़कर धारदार हथियार से गला रेत दिया। योगमाया को छटपटाती रही, उसे देख सुरेश ने कुल्हाड़ी के पिछले हिस्से से उसके सिर पर वार किया और उसकी मौत हो गई। आवाज सुनकर चेतन का बड़ा बेटा तन्मय वहां पहुंचा और धमेंद्र को काटने लगा। धमेंद्र ने फावड़े से उसके सिर पर भी वार किया और तन्मय वहीं निढाल हो गया। इसके बाद सुरेश अंदर गया और सो रहे कुणाल के सिर पर फावड़े से वार किया। तब तक अन्य आरोपी कैश, जेवरात, एलईडी टीवी, मोबाइल लेकर बाहर निकल गए। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना के दो दिन बाद ही एक आरोपी धमेंद्र बरिहा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जेल में आरोपी धमेंद्र जेल प्रहरियों से खुद को फंसाने की बात करता था। इसी सूचना पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू की। दिसंबर महीने में अहमदाबाद के लैब में उसका नार्को टेस्ट कराया गया। फरवरी में पहली रिपोर्ट पुलिस को मिली, जिसके बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की। 15 दिन पहले की फाइनल रिपोर्ट आते ही पुलिस ने कार्रवाई तेज की। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनकी निशानदेही पर तालाब से टंगिया और कपड़े जब्त कर लिया है।