एसबीआई ने रिलीज करने से इनकार किया आरकॉम का आईटी रिफंड


0-अनिल अंबानी के जेल जाने का खतरा
मुंबई  । रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को स्वीडन की टेलिकॉम गीयर कंपनी एरिक्सन का 453 करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है, लेकिन लेंडर्स ने इसके लिए कंपनी का इनकम टैक्स रिफंड रिलीज करने से इनकार कर दिया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल में दी इंडिपेंडेंट पिटीशन में कहा है कि जब तक सभी पार्टियों में एक राय न बन जाएगी, कोई फंड रिलीज नहीं किया जाएगा।
आरकॉम को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना है लेकिन फाइनैंशल क्रेडिटर्स के फंड रिलीज करने से मना करने से वह बड़ी मुश्किल में फंस जाएगी। इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार 12 मार्च को होगी। एसबीआई आरकॉम से बकाया वसूल करने की कोशिश में जुटे 37 बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के कंसॉर्शियम का लीड बैंकर है। एरिक्सन कंपनी का ऑपरेशनल क्रेडिटर है।
मामले में आरकॉम का पक्ष रख रहे सीनियर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल ने एनसीएलएटी को सोमवार को बताया कि टेलिकॉम कंपनी को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना है। उन्होंने कहा कि एसबीआई ने लगभग 260 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिफंड रोका हुआ है जिसे सीधे स्वीडन की कंपनी के पास जमा कराया जाना चाहिए।
जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की दो मेंबर वाली बेंच ने यह कहकर एसबीआई की आलोचना की है कि अपीलेट ट्राइब्यूनल ने आरकॉम और एरिक्सन के बीच तय कंसेंट टर्म्स किए जाने की इजाजत दी थी क्योंकि बैंक ने अपनी अपील में अनिल अंबानी की टेलिकॉम कंपनी की सुंदर तस्वीर पेश करते हुए कहा था कि उसके ऐसेट्स को रिलायंस जियो खरीदने जा रही है। इस पर एसबीआई ने अपनी अपील में कहा कि फंड रिलीज करने से पहले सभी लेंडर्स की इजाजत लेना जरूरी है। अदालत में मौजूद एक लीगल सोर्स ने कहा, लेंडर्स के प्रतिनिधियों का कहना है कि वे सिक्योर्ड लेंडर्स हैं और उन्हें अब तक सबकी मंजूरी नहीं मिली है। 

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