देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती


नई दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में हफ्ते भर में 5 डॉलर प्रति बैरल की तेजी के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं। करीब एक महीने से इनके दाम देश में स्थिर बने हुए थे। अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के खत्म होने की उम्मीद, ओपेक देशों की सप्लाइ में कटौती के साथ ईरान और वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंधों से क्रूड ऑइल में तेजी आ रही है। मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 71 और 66.17 रुपये प्रति लीटर पहुंच गईं। 10 फरवरी से पेट्रोल और डीजल के दाम में क्रमश: 72 पैसे और 61 पैसे का इजाफा हो चुका है।
सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पखवाड़े के एवरेज और एक्सचेंज रेट के हिसाब से बदलती हैं। कंपनियां कीमतों की समीक्षा में पखवाड़े का डेटा इस्तेमाल करती हैं, ताकि इंटरनैशनल मार्केट में तेज उथल-पुथल होने की स्थिति में घरेलू बाजार में भी उसी हिसाब से बदलाव किया जा सके। क्रूड ऑइल में तेजी से रुपये पर भी दबाव बढ़ता है क्योंकि भारत अपनी जरूरत का करीब 80 फीसदी तेल आयात करता है। रुपया एक ही हफ्ते में डॉलर के मुकाबले 70 पैसे कमजोर होकर 71.39 के स्तर पर आ गया।
इंटरनैशनल पेट्रोल और डीजल रेट ज्यादातर क्रूड ऑइल के प्राइस ट्रेंड को फॉलो करते हैं। हालांकि, डिमांड और सप्लाइ का फॉर्म्युला भी इसे प्रभावित करता है। सोमवार को क्रूड ऑइल की कीमत नवंबर 2018 के बाद के सबसे उच्चतम स्तर 66.7 डॉलर प्रति बैरल पर थी, लेकिन कुछ घंटों में यह गिरकर 66.08 डॉलर पर आ गई। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में जल्द सुधार की उम्मीद के चलते सोमवार को ऑइल प्राइस ने रफ्तार पकड़ी थी। इन दोनों के बीच व्यापार को लेकर तनाव के कारण क्रूड ऑइल की मांग कम हो गई थी।
वेनेजुएला और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भी कच्चे तेल की दुनियाभर में आपूर्ति प्रभावित हुई है, जो पहले ही प्रमुख तेल उत्पादकों के आउटपुट में कटौती करने से कम हो गया था। सऊदी अरब की अगुवाई वाला ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) और रूस पिछले साल 12 लाख बैरल प्रति दिन आउटपुट घटाने पर सहमत हुए थे, ताकि सप्लाइ और डिमांड में तालमेल बना रहे।
वहीं, अमेरिका ने भारत सहित दुनिया भर की रिफाइनरीज पर वेनेजुएला से कच्चा तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकारी रिफाइनरीज वेनेजुएला से काफी कम क्रूड खरीदती हैं, लेकिन नायरा एनर्जी और रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्राइवेट रिफाइनरीज इस लैटिन अमेरिकी देश से बड़ी मात्रा में खरीदारी करती हैं। अमेरिकी प्रतिबंध से इनके कारोबार पर व्यापक असर पड़ेगा। 

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