मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व छात्र और शहीद सेकंड लेफ्टिनेंट श्री राजीव पांडे के पिता कर्नल श्री आर.पी. पांडेय और शहीद उप निरीक्षक श्री युगल किशोर वर्मा के भाई श्री गोविंद वर्मा को शॉल एवं श्रीफल तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व छात्रों के एसोसिएशन की ओर से एक लाख रूपए की राशि का चेक विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी.एन. वर्मा को महाविद्यालय के विकास के लिए भेंट किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा की विज्ञान महाविद्यालय की भूमि पर निर्मित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम का उपयोग विज्ञान महाविद्यालय के विभिन्न आयोजनों के लिए जब जरूरत हो किया जा सकता है। यह मांग महाविद्यालय के पूर्व छात्रों के एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री से की गई थी।
    छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता श्री कनक तिवारी ने समारोह की अध्यक्षता की। पद्मश्री सम्मान प्राप्त और आयुष विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. ए.टी.के. दाबके, राज्य शासन के पूर्व मुख्य सचिव और वर्तमान में रेरा के अध्यक्ष श्री विवेक ढांड, पूर्व विधायक डॉ. शक्राजीत नायक विशेष अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थे।
    महाधिवक्ता श्री कनक तिवारी ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि महाविद्यालय के छात्र के रूप में हम सभी को संस्कारों के साथ शिक्षा मिली है। महाविद्यालय के अनेक छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है। उन्होंने छात्र जीवन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री, साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध सहित अनेक विशिष्ट व्यक्तियों से जुड़े संस्मरणों को याद किया। उन्होंने कहा कि आज 50 साल बाद मैं अपनी मां की गोद में फिर से आया हूं। उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु के चरण छूना हमें नहीं भूलना चाहिए, इस महाविद्यालय के छात्र संस्कारों को लेकर आगे बढ़े।
    महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी.एन. वर्मा ने महाविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पूर्व छात्रों के एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अंजय शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया। समारोह में महाविद्यालय के पूर्व छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे।