मध्यप्रदेश में वंदेमातरम गान को लेकर राजनीति शुरू, भाजपा का विरोध


भोपाल । मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से हर महीने की एक तारीख़ को यहां स्थित राज्य मंत्रालय के समक्ष वन्देमातरम गान की अनिवार्यता को फिलहाल रोक कर इसे नए रूप में लागू करने के निर्णय पर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। इस संबंध में कल रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हर महीने की एक तारीख को वंदेमातरम गायन की अनिवार्यता को फिलहाल अभी रोक कर नए रूप में लागू करने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि ये फैसला किसी एजेंडे के तहत नहीं हुआ है और ना ही वंदेमातरम गायन को लेकर कोई विरोध है। उन्होंने इस मामले में भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसे नए रूप में लागू किया जाएगा।
वहीं मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी के सभी विधायकों के साथ सात जनवरी को विधानसभा सत्र शुरु होने के दौरान मंत्रालय प्रांगण में वंदेमातरम गायन करेंगे। श्री चौहान ने सभी लोगों से इस मुहिम में जुड़ने की अपील भी की।
राज्य में पिछले लगभग तेरह साल से हर महीने की एक तारीख को राज्य मंत्रालय प्रांगण में सभी अधिकारी-कर्मचारियाें की मौजूदगी में वंदेमातरम गायन होता था। कल वर्ष के पहले दिन मंत्रालय में वंदेमातरम गायन नहीं हुआ, जिसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई।
भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने सवाल किया कि क्या अब कांग्रेस सरकार भारत माता की जय बोलने पर भी रोक लगाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने अपने इस कदम से लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया है।
इसी बीच इस निर्णय के विरोध में आज सुबह बड़ी संख्या में भाजपा नेता, पूर्व मंत्री और सैकड़ों कार्यकर्ता मंत्रालय प्रांगण में पहुंचे और वंदेमातरम गायन किया। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाया।
वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जे पी धनोपिया ने कहा कि वंदेमातरम गायन बंद नहीं किया गया है। फिलहाल रोका गया है और इसमें सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी जो इसका स्वरूप था, उसमें बड़ी संख्या में लोग उसमें शामिल नहीं होते थे, इसीलिए इसमें सुधार का प्रावधान रखा जाएगा।

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