रायपुर । राज्य में एक बार फिर से प्रशासनिक सर्जरी की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस बार कई जिलों के कलेक्टरों को बदले जाने के संकेत मिल रहे हैं। बताया जाता है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 28 फरवरी के बाद किसी भी कलेक्टर को न बदले जाने की बात कही है, ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही कई जिलों के कलेक्टरों को बदला जाएगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही कई प्रशासनिक सर्जरी हो चुकी है। वर्तमान में एक बार फिर से प्रशासनिक सर्जरी की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों की माने तो इस बार कई जिलों के कलेक्टरों को बदला जाएगा। इसमें कुछ ऐसे नाम भी हैं, चर्चा में बने रहे हैं। वैसे सूत्रों का कहना है कि करीब एक दर्जन कलेक्टरों को बदलने की तैयारी चल रही है। इसके पूर्व सत्ता में आते ही राज्य सरकार ने करीब 6 जिला कलेक्टरों को इधर से उधर किया था। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाता पुनरीक्षण के दौरान कलेक्टरों को बदले जाने के लिए केवल राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की सहमति लेनी होती है, जबकि आचार संहिता लगने के दौरान तीन नामों का पैनल भेजना होता है। वर्तमान में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है, लिहाजा कलेक्टरों के ट्रांसफर के लिए केवल राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की सहमति लेनी होगी, यह कोई मुश्किल काम भी नहीं है। लिहाजा यह तय माना जा रहा है कि इस सप्ताह के अंदर ही कभी भी कलेक्टरों का ट्रांसफर लिस्ट जारी हो सकता है।
रायपुर । राज्य में एक बार फिर से प्रशासनिक सर्जरी की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस बार कई जिलों के कलेक्टरों को बदले जाने के संकेत मिल रहे हैं। बताया जाता है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 28 फरवरी के बाद किसी भी कलेक्टर को न बदले जाने की बात कही है, ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही कई जिलों के कलेक्टरों को बदला जाएगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही कई प्रशासनिक सर्जरी हो चुकी है। वर्तमान में एक बार फिर से प्रशासनिक सर्जरी की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों की माने तो इस बार कई जिलों के कलेक्टरों को बदला जाएगा। इसमें कुछ ऐसे नाम भी हैं, चर्चा में बने रहे हैं। वैसे सूत्रों का कहना है कि करीब एक दर्जन कलेक्टरों को बदलने की तैयारी चल रही है। इसके पूर्व सत्ता में आते ही राज्य सरकार ने करीब 6 जिला कलेक्टरों को इधर से उधर किया था। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाता पुनरीक्षण के दौरान कलेक्टरों को बदले जाने के लिए केवल राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की सहमति लेनी होती है, जबकि आचार संहिता लगने के दौरान तीन नामों का पैनल भेजना होता है। वर्तमान में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है, लिहाजा कलेक्टरों के ट्रांसफर के लिए केवल राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की सहमति लेनी होगी, यह कोई मुश्किल काम भी नहीं है। लिहाजा यह तय माना जा रहा है कि इस सप्ताह के अंदर ही कभी भी कलेक्टरों का ट्रांसफर लिस्ट जारी हो सकता है।