बस्तर दशहरा का दृश्य अब कुम्हड़ाकोट में सालभर देख सकेंगे पर्यटक


जगदलपुर । यहां स्थित बस्तर दशहरा वन अर्थात कुम्हड़ाकोट वन में एक म्यूजियम का निर्माण होगा जिसमें वर्ष में किसी भी समय आने वाले पर्यटक बस्तर दशहरा की बानगी कभी भी देख सकेंगे। इस म्यूजियम में दशहरा से संबंधित सभी रीति-रिवाजों सहित सभी रस्मों को प्रदर्शित किया जायेगा। वन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कुम्हड़ाकोट दशहरा वन को ईको फ्रेंडली पार्क के रूप में विकसित करने की कोशिश भी चल रही है। इसके लिए मुख्यालय से वन विभाग को राशि का आबंटन भी प्राप्त हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि बस्तर का दशहरा अपने अनोखे विधि- विधान के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और भारत से ही नहीं विदेशी पर्यटक भी इसे देखने यहां बड़ी संख्या में आते हैं। इस दशहरा वन में विजयादशमी के अवसर पर पूर्व राज्यशासकों व ग्रामीणों के साथ नवाखानी सहित कई रस्म रात्री को आयोजित होती हैं। इसे विजयरथ के माध्यम से मांईजी को सवार कर यहां आदर सहित यहां लेकर आया जाता है और पूजा अर्चना के पश्चात दूसरे दिन विजयरथ में सवार होकर मांईजी की विदाई होती है। इन सभी परंपराओं को देखने के लिए हर वर्ष भारी भीड़ जुटती हैं। इस संबंध में बस्तर वन मंडल के एसडीओ डीकेएस मौर्य ने जानकारी दी कि इस दशहरा वन को ईको फ्रेंडली पार्क के रूप में विकसित कर यहां एक म्यूजियम का निर्माण किया जायेगा। जिसमें बस्तर दशहरा से संबंधित पर्व की जीवंत झाकियां लोगों को देखने मिल सकेगी।  

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