नई दिल्ली। लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने सोमवार को चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने एक घंटे की स्पीच में कहा, 'वंदे मातरम् अंग्रेजों को करारा जवाब था, ये नारा आज भी प्रेरणा दे रहा। आजादी के समय महात्मा गांधी को भी यह पसंद था। उन्हें यह गीत नेशनल एंथम के रूप में दिखता था। पीएम ने कहा, उनके लिए इस गीत की ताकत बड़ी थी। फिर पिछले दशकों में इसके साथ इतना अन्याय क्यों हुआ। वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ। वो कौन सी ताकत थी, जिसकी इच्छा पूज्य बापू की भावनाओं पर भी भारी पड़ी।
- -वंदे मातरम् का स्मरण इस सदन का सौभाग्य
- -वंदे मातरम् के 150 साल पर भारत तेजी से बढ़ रहा
- -1906 का एक किस्सा सुनाया
- -बंगाल के लिए वंदे मातरम् गली-गली का नारा बन गया
- -नेहरू ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए
जिन्ना के सामने झुके नेहरू
मोदी ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने लखनऊ से 15 अक्टूबर 1936 को वंदे मातरम् के खिलाफ नारा बुलंद किया। कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को अपना सिंहासन डोलता दिखा। पीएम ने कहा कि बजाय इसके कि नेहरू मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों को करारा जबाब देते, उसकी निंदा करते, लेकिन उल्टा हुआ। उन्होंने वंदे मातरम् की ही पड़ताल शुरू कर दी।
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