शाह बोले-वंदे मातरम् का विरोध गांधी परिवार के खून में



-खडग़े बोले- डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिर रहा, उस पर भी बात हो

नई दिल्ली ।  राज्यसभा में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' पर मंगलवार को चर्चा हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- जो लोग वंदे मातरम् के महत्व को नहीं जानते वे इसे चुनाव से जोड़ रहे हैं। शाह के बयान को प्रियंका गांधी के बयान से जोड़ कर देखा जा रहा है।  शाह ने संबोधन में कहा- जब वंदे मातरम 100 साल का हुआ, पूरे देश को बंदी बना दिया गया। जब 150 साल पर कल सदन (लोकसभा) में चर्चा शुरू हुई, गांधी परिवार के दोनों सदस्य (राहुल-प्रियंका) नदारद थे। वंदे मातरम् का विरोध नेहरू से लेकर आज तक कांग्रेस नेतृत्व के खून में है।  कांग्रेस पार्टी की एक नेत्री ने लोकसभा में कहा कि वंदे मातरम पर अभी चर्चा की कोई जरूरत नहीं है।

 हम सब सौभाग्यशाली हैं कि आज वंदे मातरम् पर चर्चा हो रही

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'वंदे मातरम् के यशोगान के लिए चर्चा के लिए हम यहां आए है। चर्चा के जरिए हमारे देश के किशोर, युवा, आने वाली पीढिय़ों तक वंदे मातरम् का योगदान पता चले। हम सब सौभाग्यशाली है कि हमें एतिहासिक पल के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा, इस महान सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा हो रही है तब कल कुछ सदस्यों ने लोकसभा में सवाल किया था इस चर्चा की जरूरत क्या है। चर्चा की जरूरत वंदे मातरम् के प्रति समर्पण के प्रति जरूरत जब यह बना तब भी थी और अब भी है।

जब एक जवान प्राण त्यागता है, वंदे मातरम् बोलता

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- 'सही है कि वंदे मातरम् के रचनाकार बंकिम बाबू बंगाल में पैदा हुए, बंगाल में गीत की रचना हुई। आनंदमठ में समाहित हुआ, उसका बैकग्राउंड भी बंगाल था, लेकिन यह सिर्फ बंगाल तक या देश तक सीमित नहीं रहा। दुनिया भर में जहां तक आजादी के दीवाने थे, उन्होंने इसका गुणगान किया। जब सरहद पर एक जवान अपने प्राण त्यागता है, तो उसकी जुबान पर वंदे मातरम् होता है।

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