रायपुर । छत्तीसगढ़ में जमीन गाइडलाइन दरों को लेकर उपजे विवादों के बीच बड़ी खबर सामने आई है। कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन ने गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण को लेकर आदेश जारी किया है। जिसके अनुसार, शहरों में 1400 वर्गमीटर तक इंक्रीमेंटल गणना का प्रावधान खत्म हो जायेगा। वहीं नगर पालिका, नगर पंचायतों में पुराने प्रावधान लागू होंगे। जारी आदेश में बहुमंजिला फ्लैट, दुकानों को भी बड़ी राहत प्रदान की गई है। वहीं अब सुपर बिल्डअप एरिया के आधार पर गणना प्रावधान खत्म कर दिया गया है। साथ ही बिल्ड अप एरिया के आधार पर मूल्यांकन होगा।
सीएम साय ने कही थी विचार करने की बात
जमीन की नई गाइडलाइन दरों पर जारी सियासी घमासान के बीच सीएम विष्णुदेव साय ने कहा था कि, नई दरों को लेकर विभाग स्तर पर चर्चा होगी। उन्होंने साफ किया था कि यदि जनता पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा या खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया प्रभावित हुई तो सरकार इस निर्णय पर दोबारा विचार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जिलों में गाइडलाइन मूल्य दोगुने तक बढ़े
कई जिलों में गाइडलाइन मूल्य दोगुने तक बढ़े हैं, जिसका विरोध किया जा रहा है। बढ़ते विरोध के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आश्वासन दिया है कि जनता को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नई दरों को लेकर विभाग स्तर पर चर्चा जारी है। उन्होंने साफ किया कि यदि जनता पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा या खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया प्रभावित हुई तो सरकार इस निर्णय पर दोबारा विचार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
राजनीतिक हलचल तेज
नई गाइडलाइन दरों के खिलाफ कई जगहों पर खुला विरोध शुरू हो चुका है, जिससे सरकार पर दबाव भी बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन दरों में संशोधन या राहत संबंधी कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है।
आठ साल से स्थिर थीं जमीन दरें
मुख्यमंत्री के अनुसार, वर्ष 2017 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं हुआ, जबकि नियमों के मुताबिक हर साल इनका अद्यतन होना जरूरी है। उन्होंने कहा, दरों में बढ़ोतरी के कई लाभ भी हैं, लेकिन वे अभी लोगों तक पर्याप्त रूप से नहीं पहुंच पाए हैं। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि जनता को राहत देने के सभी विकल्प सरकार के स्तर पर गंभीरता से देखे जाएंगे।
जिला मूल्यांकन समिति के लिए निर्देश जारी
सेंट्रल वैल्यूएशन बोर्ड की मीटिंग में यह तय किया गया कि डिस्ट्रिक्ट वैल्यूएशन कमेटी को निर्देश दिया जाए। वे हाल ही में रेट बढऩे के बाद मिले मेमोरेंडम, आपत्तियों और सुझावों की समीक्षा करें। 31 दिसंबर तक गाइडलाइन रेट में बदलाव के लिए प्रस्ताव जमा करें।
बघेल बोले- जनता को बहुत कम राहत देने वाला सुधार
जमीन की दरों में नई गाइडलाइन को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि गाइड लाइन दरों में अभी सुधार कहां हुआ?। जैसा कि मैंने कहा था कि सरकार को गाइड लाइन की दरों संबंधी आदेश में सुधार करना पड़ा, लेकिन यह सुधार सतही है और जनता को बहुत कम राहत देने वाला है। भूपेश बघेल ने आगे लिखा कि अभी गाइड लाइन की दरों में सुधार नहीं हुआ है। बस एक जबरदस्ती थोपे गए नियम को वापस लिया गया है। थोड़े बहुत और परिवर्तन हुए हैं। वे बहुत असरकारी नहीं हैं।जब तक अनापशनाप बढ़ाई गई गाइडलाइन दरों को नहीं सुधारा जाएगा, काम नहीं बनेगा। बघेल ने लिखा कि जनता पर प्रॉपर्टी टैक्स का जो बोझ आने वाला है। वह तो अभी बरकरार दिखता है। सरकार को और संशोधन करना पड़ेगा। वह मजबूर होकर करेगी, लिखकर रखिए।
