लोकसभा शीतकालीन सत्र: लोकसभा में 'विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक पेश, जेपीसी को भेजने का निर्णय


नई दिल्ली । लोकसभा में सरकार ने सोमवार को 'विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक 2025' पेश किया जिसे विपक्षी सदस्यों के विरोध के बाद संसद की संयुक्त समिति-जेपीसी को भेजने का निर्णय लिया गया। शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने पीठासीन अधिकारी कृष्णा प्रताद तेन्नेटी से विधेयक पेश करने की अनुमति मांगते हुए कहा कि विधेयक को विश्वविद्यालयों तथा अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षण, सीखने, अनुसंधान तथा नवाचार में उत्कृष्टता लाने के मकसद से लाया गया है। 


इसके पारित होने से शिक्षण संस्थान ज्यादा प्रभावी होंगे और उच्च शिक्षा, अनुसंधान, वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थानों में मानकों के समन्वय तथा निर्धारण में आसानी होगी। विधेयक लाने का प्रयोजन विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान का गठन करने, विश्वविद्यालयों तथा अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को स्व-शासित और ज्यादा स्वतंत्र संस्थान बनाने की सुविधा प्रदान करना है और मान्यता, स्वायत्ततातथा पारदर्शी प्रणाली को बढावा देते हुए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है। 


आरएसपी के के प्रेमचंद्रन ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि दिक्कत विधेयक लाना नहीं है बल्कि ज्यादा दिक्कत यह है सरकार विधेयक के अध्ययन का समय ही नहीं दे रही है। उनका कहना था कि यह विधेयक कल रात सदस्यों को भेजा गया और इसे पढऩे का समय नहीं दिया गया है। नियमानुसार विधेयक पर्याप्त समय पहले सदस्यों को दिया जाना चाहिए लेकिन विधेयक को पूरक कार्यसूची में शामिल किया जा रहा है।

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