स्वदेश दर्शन योजना 2.0 : भोरमदेव कॉरिडोर- हजार वर्ष पुरानी आस्था और सांस्कृतिक विरासत का नया अध्याय



राष्ट्रीय धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा भोरमदेव


कवर्धा । स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत कबीरधाम जिले का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर स्थल भोरमदेव मंदिर परिसर विकास के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है। यह पहल केवल पर्यटन ढांचे के विस्तार तक सीमित नहीं है, बल्कि परंपरा और आधुनिकता के संतुलित संगम का सशक्त उदाहरण भी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शिता और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा 146 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत भोरमदेव मंदिर परिसर से मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुआ और सरोदा जलाशय तक एक सुव्यवस्थित पर्यटन कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। यह कॉरिडोर न केवल प्रमुख धार्मिक और पुरातात्विक स्थलों को आपस में जोड़ेगा, बल्कि भोरमदेव को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान भी दिलाएगा।


सहस्राब्दियों से श्रद्धा का केंद्र रहा भोरमदेव मंदिर पहली बार एक संगठित और समग्र विकास योजना के तहत संवारा जा रहा है। परियोजना में मंदिर परिसर का विस्तार, छह भव्य प्रवेश द्वार, परिधि दीवारों का सुदृढ़ीकरण, पार्कों का विकास, नागद्वार तक रैंप और सीढ़ियों की सुविधा, प्रसाद मंडप, अनुष्ठान भवन, यज्ञ स्थल तथा श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक विश्राम गृह शामिल हैं। साथ ही तालाब का सौंदर्यीकरण, म्यूजिकल फाउंटेन, कैचमेंट एरिया का संरक्षण और एक विशाल संग्रहालय परिसर को विश्वस्तरीय स्वरूप प्रदान करेंगे। मड़वा महल और छेरकी महल जैसे प्राचीन स्मारकों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। यहां प्रवेश द्वार, बाउंड्री वॉल, पेयजल व्यवस्था, विद्युत एवं प्रकाश सुविधाएं, वृक्षारोपण और सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाएंगे। इसके साथ ही मंदिरों और स्मारकों को जोड़ने वाली सड़कों का उन्नयन, तालाबों का पुनर्निर्माण और जलाशयों का विकास पूरे क्षेत्र की सुंदरता को और निखारेगा।


यह योजना केवल संरचनात्मक विकास तक सीमित न होकर सामाजिक और आर्थिक बदलाव की आधारशिला भी बनेगी। इससे स्थानीय व्यापार, हस्तशिल्प, पर्यटन से जुड़े युवाओं और ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। कांवड़ यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए शेड, पेयजल और स्वच्छता की आधुनिक सुविधाएं उनकी यात्रा को अधिक सुगम और सुखद बनाएंगी। हरियाली, आकर्षक लैंडस्केपिंग और सुव्यवस्थित पैदल मार्ग वातावरण को शांत, पवित्र और दिव्य स्वरूप प्रदान करेंगे। स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत यह परियोजना छत्तीसगढ़ के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में उभर रही है, जहां सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के साथ आधुनिक पर्यटन आवश्यकताओं का संतुलित समन्वय किया गया है। परियोजना के पूर्ण होने पर भोरमदेव केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गौरव, आस्था और शांति का विश्वस्तरीय केंद्र बनकर स्थापित होगा।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

Recent in Sports