लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शनिवार को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट से तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का फ्लैग ऑफ करेंगे। यह दिन न केवल उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत की रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भरता के संकल्प को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस, जो विश्व की सबसे तेज और घातक सटीक प्रहार क्षमता वाली 'ब्रह्मोसÓ सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली की निर्माता है, ने लखनऊ की नई इंटीग्रेशन एंड टेस्ट सुविधा से मिसाइल सिस्टम की पहली खेप सफलतापूर्वक तैयार कर ली है। यह अत्याधुनिक यूनिट 11 मई को उद्घाटन के बाद पूरी तरह संचालन में आई थी। यहां मिसाइल इंटीग्रेशन, टेस्टिंग और अंतिम गुणवत्ता परीक्षण की सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। सफल परीक्षण के बाद मिसाइलें भारतीय सशस्त्र बलों के लिए तैनाती के लिए तैयार की जाती हैं।
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री बूस्टर भवन का उद्घाटन करेंगे तथा बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन भी देखेंगे। इसी क्रम में एयरफ्रेम और एवियोनिक्स, वारहेड भवन में पीडीआई (प्री डिस्पैच इंस्पेक्शन) तथा ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रेजेंटेशन किया जाएगा। इसके अलावा इस अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम, स्टोरेज ट्रॉली प्रदर्शन, जीएसटी बिल प्रस्तुतीकरण और मोबाइल ऑटोनमस लॉन्चर का प्रदर्शन भी आयोजित होगा। कार्यक्रम के दौरान डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपेंगे, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।
सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक
ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन से उत्तर प्रदेश को निरंतर जीएसटी आय प्राप्त होगी और उच्च कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। सरोजिनी नगर के भटगांव स्थित अत्याधुनिक ब्रह्मोस यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। यहां मिसाइलों के असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का कार्य उच्च तकनीकी मानकों के अनुरूप किया जाता है। इस यूनिट से पहली खेप के रवाना होने के साथ ही प्रदेश 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वल्र्डÓ के अभियान में एक सशक्त साझेदार बन गया है।