मनरेगा के माध्यम से जिले में 15.67 लाख मजदूरों को मिला काम


मजदूरों को 44.22 करोड़ रूपए का भुगतान

रायपुर। छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत व्यापक स्तर पर कार्य प्रारंभ किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जशपुर जिले के 444 ग्राम पंचायतों मे 3133 स्वीकृत कार्यो में मानव दिवस के रूप में 15 लाख 67 हजार 45 ग्रामीण मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। मजदूरों को 44 करोड़ 22 लाख 10 हजार की मजदूरी भुगतान किया गया है। जिले के कुछ विकासखंडो में स्वसहायता समूह की बीसी सखियों के द्वारा कार्यस्थल पर एवं बीसी सेंटरों में मजदूरी भुगतान किया जा रहा है। जिससे आम लोगों को राहत व सुविधा मिल रही है। उन्हें मजदूरी भुगतान के लिए बार-बार बैंको के चक्कर लगाने से मुक्ति मिली है।
मनरेगा द्वारा जल संरक्षण के कार्यो को प्राथमिकता से लिया गया है। जिसमें सार्वजनिक एवं निजी भूमि पर किये जाने वाले डबरी निर्माण, नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, कुंआ निर्माण, नाला सफाई, नाला बंधान कार्य के अतिरिक्त भूमि सुधार, भूमि समतलीकरण, सेड निर्माण, सीपीटी निर्माण, प्रधानमंत्री आवास इत्यादि निर्माण किया जा रहा है। मनरेगा के तहत ग्रामीण मजदूरों एवं प्रवासी श्रमिकों को उनके निवास स्थल के निकट ही आजीविका संवर्धन एवं हितग्राही मूलक निर्माण कार्यो के माध्यम से रोजगार का सृजन किया गया है। कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन की स्थिति में ग्रामीण मजदूर परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनोती थी। मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण मजदूरों को उनके निवास स्थल के करीब ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों द्वारा सार्वजिक दूरी का पालन कराने के साथ ही सेनिटाइजर व फेस मास्क का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां मनरेगा का कार्य चल रहा है, वहां मजदूरों के हाथ धुलाई के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था की गई है। सभी मजदूरों द्वारा मास्क उपयोग करने के साथ ही एक दूसरे से एक मीटर से अधिक दूरी बनाकर कर कार्य किया जा रहा है।

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