मददगार होने पर ही खिलाड़ी कोच का सम्मान करते हैं : हेसन


नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन का मानना है कि खिलाड़ी कोच का तभी सम्मान करते हैं जब उन्हें लगता है कि कोच उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
आईपीएल की टीम रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु (आरसीबी) के निदेशक हेसन ने स्टार स्पोटर्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में कहा, "जब खिलाड़ी को ऐसा लगता है कि कोच उनके लिए मददगार साबित होंगे तब ही वे कोच का सम्मान करते हैं। कुछ कोचों को इसमें अन्य कोच की तुलना में ज्यादा समय लगता है। उन्होंने कहा, "जब आप खिलाड़ी के लिए मददगार साबित होते हैं तब वे सोचते हैं कि यह कोच मुझे बेहतर खिलाड़ी बनाने में मदद कर सकता है। यह ऐसा नहीं है कि आप उन्हें यह बताएं कि एक खिलाड़ी के तौर पर आप क्या करते। लेकिन खिलाडिय़ों को लगता है कि आप उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाने में मदद कर सकते हैं।" हेसन ने कहा कि जिन कोचों के पास अनुभव कम होता है वे अपने निजी अनुभवों को कोचिंग के पहले सप्ताह ही साझा कर देते हैं।
भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ भी इस शो में शामिल थे। उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों के कोच बनते वक्त जरुरी है कि वे अपने अतीत को पीछे छोड़ आएं। बांगड़ ने कहा, "शायद जो खिलाड़ी एलीट स्तर पर खेलते हैं उन्हें इसकी समझ नहीं होती कि औसत क्षमता का खिलाड़ी किस दौर से गुजर रहा है। एक चीज जो हमें कोचिंग के दौरान सीखी कि आप अपने अतीत को पीछे छोड़कर आएं। आप उस तरह कोचिंग नहीं कर सकते जैसा आप खेलते थे।

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