
तनाव आजकल आम परेशानी बनता जा रहा है। पारिवारिक माहौल या फिर पढ़ाई के बढ़ते बोझ के कारण छोटे-छोटे बच्चे भी चिंता, तनाव, दवाब या अवसाद का शिकार हो रहे हैं लेकिन पेरेंट्स को आसानी से इस बात का पता नहीं चल पाता कि उनका बच्चा स्ट्रेस में हैं। बच्चा अगर तनाव या स्ट्रेस में हो तो उनके व्यवहार के साथ-साथ शारीरिक और भावनात्मक बदलाव भी नजर आने लगते हैं, जिन्हें समझना बेहद जरूरी है, ताकि उसे स्ट्रेस से बाहर निकाला जा सके।
मां-बाप का व्यस्त होना
कामकाजी होने के कारण आजकल मां-बाप बच्चों की तरफ ध्यान नहीं दे पाते। जिससे बच्चा तनाव में आ जाता है। जब भी समय मिले अपने बच्चे के लिए समय जरूर निकालें। उसे डिनर,पिकनिक या फिल्म देखने ले जाएं।
पढ़ाई का तनावआजकल कंपीटिशन का जमाना है। पढ़ाई के बढ़ते तनाव, होमवर्क पूरा न हो पाना,माक्स कम आना या फिर मेहनत करने के बावजूद भी दूसरे बच्चों से पीछे रहना आदि बच्चे में तनाव के कारण हो सकते हैं। ऐसे में डांटने की जगह आपको बच्चे का साथ देना चाहिए।

खेलों में दूरी बनानापढ़ाई या फिर भविष्य को लेकर बच्चे इतने व्यस्त रहते हैं। खाना-पीना तो दूर उनके पास खेलने का समय भी नहीं होता। मोबाइल, कंप्यूटर की बजाय बच्चे को आउट डोर गेम्स खेलने के लिए बाहर ले जाएं। इससे आप बच्चे के साथ समय भी बिता पाएंगे और वह खेल-खेल में अपने मन की बात भी शेयर करने लगेगा।
बच्चों में तनाव के लक्षण
व्यवहार में आता है बदलावअगर बच्चा तनाव में है तो सबसे पहला असर उसके व्यवहार में नजर आएगा। स्ट्रेस होने पर बच्चों में बात पर उसका मूड खराब हो जाना या चिढ़ जाना, कभी अचानक से गमसुम होना, बिना बात घंटो रोना और उदास रहना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में अगर आपको बच्चे में ये बदलाव दिखाई दें तो उसे अनदेखा ना करें।

बिस्तर गीला करनाछोटे बच्चे अक्सर नींद में बिस्तर गीला कर देते हैं लेकिन 3-4 साल की उम्र में वह इस पर काबू पा लेते हैं। बढ़ती उम्र में इसका कारण भावनात्मक भी हो सकता है। पेरेंट्स की अटैंशन न मिलने के कारण भी बच्चा तनाव महसूस करता है और नींद में अक्सर बिस्तर गीला कर देता है।
पसंदीदा चीजों से हो जाते हैं दूरयदि आपका बच्चा अपने पसंदीदा खिलौने, फेवरेट कॉर्टून्स, पसंदीदा डिश से दूर बना लेता है तो वह किसी न किसी तरह के स्ट्रेस में हो सकता है।
स्कूल से बच्चे की शिकायत आनाकभी-कभार स्कूल से बच्चे की शिकायत आना बेहद नॉर्मल बात है क्योंकि बच्चे स्कूल में मस्ती करते रहते हैं लेकिन अचानक ज्यादा शिकायतें आने लगे तो समझ लें कुछ गड़बड़ है।

नाखून चबानाबच्चे जब जरूरत से ज्यादा सोचते हैं या परेशान होते हैं तो अनजाने में अपने नाखून चबाने लगते हैं।
खाने व सोने की आदतों में बदलावबच्चा तनाव महसूस करता है तो उसकी खाने व सोने की आदतें बदल जाती हैं। कई बार तनावग्रस्त बच्चे बहुत ज्यादा खाने या सोने लगते हैं जबकि कई बार वह इसका उल्टा करते हैं।